Tuesday, 14 April 2020

प्रस्तावना या उद्देशिका एवं उससे सम्बन्धित तथ्य

          प्रस्तावना किसी भी संविधान का दर्पण होता है। जिसने संविधान में निहित लक्ष्यो एवं  उद्देश्यों का वर्णन होता है। (जवाहरलाल नेहरू 13 दिसंबर 1946 पारित 22 जनवरी 1947)
भारतीय संविधान की प्रस्तावना निम्न प्रकार है-
"हम भारत के लोग भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व, संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को: 
समाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय;
विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, 
प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा, 
उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए, दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर 1949 (मितिमार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी संवत 2006 विक्रमी) को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मर्पित करते हैं।"


1-संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न वह राष्ट्र  हैं जो अपने आंतरिक,  बाह्य नीतियों का संचालन स्वतंत्रता पूर्वक बिना किसी हस्तक्षेप के करता है तो ऐसे राज्य को संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न कहते हैं

2- समाजवादी शब्द का व्यापक अर्थ और भारत मैं लोकतंत्रात्मक गणराज्य को अपनाया गया है जिसका अर्थ है समाजवादी लक्ष्यों को लोकतांत्रिक तरीकों से प्राप्त किया जाए। इनमें तीन तरह की अर्थव्यवस्था आती है।   (i)-पूंजी वादी (95 प्रतिशत प्राइवेट 5 प्रतिशत) (ii)-समाजवादी अर्थव्यवस्था (95% पब्लिक 5% प्राइवेट)  (iii)-मिक्सड  अर्थव्यवस्था (55% प्राइवेट 45% पब्लिक)

3-पंथनिरपेक्ष इसका मतलब यह नहीं है कि राज्य धर्म से तटस्थ रहेगा। इसका मतलब यह है कि राज्य किसी भी धर्म को संरक्षण प्रदान नहीं करेगा।

4-लोकतंत्रात्मक लोकतंत्र की सर्वश्रेष्ठ परिभाषा करते हुए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने कहा है       " by the people, for the people of the people"

5-गणराज्य जिस देश का राष्ट्राध्यक्ष जनता के द्वारा Direct अथवा Indirect रूप से चुना जाता है वह वंशानुगत ना हो ना हो।

6-संविधान सभा के द्वारा बी.एन. राव को संवैधानिक सलाहकार के पद पर नियुक्त किया गया संविधान सभा के 284 सदस्यों में संविधान पर हस्ताक्षर किया।

7-29 नवंबर 1949 को लगभग 15 अनुच्छेद तुरंत लागू कर दिए गए। 26 नवंबर 1949 adopted and 25 November 1949 को लागू किया गया। 

8- 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। 13 दिसंबर 1946 को पंडित नेहरू द्वारा सविधान सभा में उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया जिसे संविधान सभा द्वारा 22 जनवरी 1947 को स्वीकार किया गया बाद में यही प्रस्ताव भारतीय संविधान की आधारशिला बनी।

9- सविधान को बनाने में 6.4 करोड़ रुपए खर्च हुए। संविधान को बनाने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा।

10-संविधान सभा के द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को 26 जुलाई 1947 को स्वीकार किया गया।

11- 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा के द्वारा हमारे हमारे राष्ट्रीय गान को स्वीकार किया गया। (रविंद्र नाथ टैगोर बंगाल भारत)
12-भारतीय संविधान की प्रस्तावना को के.एम. मुंशी ने सविधान की जन्म कुंडली  कहा 

13-Earnest Barker ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना को संविधान की कुंजी कहा 

14-भारतीय संविधान की प्रस्तावना में अभी तक एक बार संशोधन किए गए हैं, 42 वे संविधान संशोधन अधिनियम 1976 के द्वारा प्रस्तावना में तीन शब्द शामिल किए गए (i) समाजवादी (ii)पंथनिरपेक्ष और (iii) अखंडता। 

15-क्या प्रस्तावना सविधान का अंग है?

उत्तर- हां, बेरुबारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 1960 में स्पष्ट किया कि  संविधान निर्माताओं  की  विचारों को जाने की कुंजी है साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि प्रस्तावना संविधान का अंग है पर न्यायालय में कानूनी दर्जा प्राप्त नहीं है । केसवानंद बनाम किरण राज के मामले में 1973 सुप्रीम  सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि प्रस्तावना संविधान का अंग भाग है इसमें भी संशोधन किया जा सकता है लेकिन साथ ही यह स्पष्ट किया कि प्रस्तावना के उस भाग में संशोधन नहीं किया जा सकता जो कि आधारभूत ढांचे से संबंधित है।

नोट- डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को संविधान का पिता कहा जाता है जबकि के. बी. राव ने इन्हें संविधान की जननी कहा।

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