Friday, 20 March 2020

भारतीय संविधान का संविधानात्मक विकास के मुख्य बिन्दु



रेगुलेटिंग एक्ट ऑफ इण्डिया 1773

1  अंग्रेजो  के द्वारा  बनाया गया  भारत के लिए पहला कानून था। इसके द्वारा बंगाल के गवर्नर को गवर्नर जनरल नाम से जाना जाने लगा।
2  वारेन हैस्टिंग को प्रथम गवर्नर जनरल बनाया गया। अधिकारियों को (सैनिक और असैनिक उपहार लेने पर प्रतिबन्ध लगा दिया।
3  इसके द्वारा कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना कि गयी। इसमें एक मुख्य न्यायाधीश तथा तीन अन्य न्यायाधीश शामिल थे। मुख्य न्यायाधीश के रूप् में एलिजा एस्प्रे की नियुक्ति की गयी। अन्य न्यायाधीश हाइड चेम्बर्स लेमेस्टर थे।
4  इसके द्वारा कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर की नियुक्ति की गयी। (ईस्ट इण्डिया कम्पनी के संचालन के लिए जिसमें 24 सदस्य शामिल थे।

पिटस् इण्डिया एक्ट 1784

1  रेगुलेटिंग एक्ट के दोषो को दूर करने के लिए इसको लाया गया।
2  इसके द्वारा बोर्ड ऑफ कंट्रोल की स्थापना की गयी जिसमें 06 सदस्य शामिल थे, जो कि कोर्ट ऑफ डारेक्टरर्स पर अपना नियन्त्रण रखते थे।
3  पिटस् उस समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे।

चार्टर एक्ट ऑफ इण्डिया 1813

1  इसके द्वारा ईस्ट इण्डिया कम्पनी का भारतीय व्यापार पर से एकाधिकार समाप्त कर दिया गया।
2  अब ब्रिटेन की अन्य कम्पनियाँ भी भारत में व्यापारिक कार्य कर सकती है।
3  इस एक्ट के द्वारा कम्पनी को यह निर्देश दिया गया कि वह भारतीयों की शिक्षा पर प्रतिवर्ष 01 लाख रू0 खर्च करेगी।
4  ईसाई मिशनरियों को भारत आने की अनुमति प्रदान की गयी।

चार्टर एक्ट ऑफ इण्डिया 1853

1  अब बंगाल का गवर्नर जनरल पूरे भारत का गवर्नर जनरल बनाया गया।
2  लार्ड विलियम बैंटिक को भारत का प्रथम गवर्नर जनरल बनाया गया।
3  गवर्नर जनरल के परिषद में पहली बार एक विधि सदस्य लार्ड मैकाल की नियुक्ति की गयी।
4  भारतीय कानूनों को संहिता बद्ध (कोडिंग) करने के लिए लॉ कामिशन की नियुक्ति की गयी
5  योग्यता को पहली बार नौकरियों के लिए आधार बनाया गया।

चार्टर एक्ट ऑफ इण्डिया 1853

1  अब नियुक्तियां प्रतियोगी परीक्षाओ के आधार पर की जाने लगी।
2  कोर्ट ऑफ डारेक्टर की संख्या 24  से घटाकर 18 कर दिया गया।
3  जब तक ब्रिटिश संसद चाहे तब तक ईस्ट इण्डिया कम्पनी भारतीय प्रदेशों को अपने अधीन रख सकती थी।
4  सिविल सर्विसेज प्रतियोगिता का प्रस्ताव हाल्ट मैंकजी ने रखा।

भारत सरकार अधिनियम 1858

1  अब कम्पनी का शासन ब्रिटिश क्राउन के अधीन कर दिया।
2  इसके द्वारा भारत सचिव के पद का सृजन किया गया, जो कि ब्रिटिश मंत्रीमण्डल का सदस्य हुआ करता था।
3  इसके द्वारा कोर्ट ऑफ डारेक्टरर्स और बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल के पद को समाप्त कर दिया गया।
4  अब गवर्नर जनरल को वायसराय कहा जाने लगा।
5  लार्ड  कैनिंग को भारत का प्रथम वायसराय बनाया गया। लार्ड कैनिंग ने हिन्दू विधवा विवाह कानून बनाया तीन विश्वविद्यालयों की स्थापना की।

भारत सरकार अधिनियम 1861

1  भारत प्रतिनिधी सरकार की नींव रखी गयी।
2  इसके द्वारा विधि निर्माण में भारतीयों का सहयोग लिया जाने लगा।
3 वायसराय को अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान की गयी।
4  वायसराय को राज्यों के नामो सीमाओ तथा क्षेत्रों में परिवर्तन का अधिकार दिया गया।
नोटअब राज्य सम्बन्धि परिवर्तन संसद द्वारा किया जाता है।
प्रतिनिधि-जनता के अधिकारो को सुरक्षित रखना।

भारत सरकार अधिनियम 1892

1  बजट पर सदस्यो को प्रश्न पुछने (बहस करने) का अधिकार दिया गया पर मत विभाजन का अधिकार नही दिया गया।
2  सार्वजनिक विषयो पर कोई सदस्य 6 दिन की पूर्व सूचना देकर कोई प्रश्न पूछ सकता था परन्तु अनुपूरक प्रश्न नही पूछ सकता था।
3 बजट का वास्तविक नाम = वार्षिक वित्तिय विवरण है।

भारत सरकार अधिनियम 1909 (मार्ले-मिण्टो सुधार)

1 अब सदस्यों को प्रश्न पूछने के साथ-साथ मत विभाजन का भी अधिकार दे दिया गया।
2 अब सदस्यो अनुपूरक प्रश्न पूछ सकते थे।
3 इसके द्वारा मुसलमानों वाणिज्य मण्डलों और जमींदारों को साम्प्रदायिक निर्वाचन या पृथक निर्वाचन का अधिकार दिया गया।
4 इसके द्वारा गवर्नर जनरल कार्यकारिणी में एक भारतीय सदस्य श्री सतेन्द्र सिन्हा की नियुक्ति कि गयी।

भारत सरकार अधिनियम 1919 (मास्टेक्यू चेम्सफोर्ट सुधार)

1  केन्द्र में द्विसदनीय व्यवस्था लागू हुई। बाईमेरिकल सिस्टम
2  प्रान्तो में द्वैशासन की शुरुआत हुई।
3  पहली बार गवर्नर जनरल के कार्य कारिणी में एक भारतीय लॉ सदस्य की नियुक्ति की गयी, जिनका नाम श्री तेजबहादुर सप्रु था।
4  इसके द्वारा हाई कमीशनर की नियुक्ति गवर्नर जनरल के कार्यकारिणी मे किया गया।
5  इसके द्वारा सप्रदायिक निर्वाचन को विस्तार दिया गया।

भारत सरकार अधिनियम 1935 

यह अधिनियम बहुत बड़ा था, यह अधिनियम आजादी के बाद भी नया संविधान लागू होने तक लागू रहा।
1 प्रान्तों में द्विसदनीय व्यवस्था लागू की।
2 प्रान्तो में द्वैध शासन की समाप्ति केन्द्र में लागू।
3 इसके द्वारा प्रान्तो को पूर्ण स्वयात्ता प्रदान की गयी।(प्रोविन्सियल आटोनोमी)
4 इसके द्वारा 1 अप्रैल 1935 को आर0बी0 आई0 की स्थापना की गयी।
5 इसके द्वारा संयुक्त अधिवेशन (joint session )की व्यवस्था की गयी।
6 इसके द्वारा संघात्मक सरकार की स्थापना का विफल प्रयास किया गया।
7 इसके द्वारा केन्द्र एवं राज्य के सम्बन्धों के 03 सूचिया  बनाई गई जैसे, संघ सूची, प्रान्तीय सूची, समवर्ती सूची।
नेहरू ने 1935 के अधिनियम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘‘ यह अनेक ब्रेको वाली इंजन रहीत मशीन है।
लोक सभा के डिसीजन को राज्य सभा 06 महीन तक रोक सकता है।
केन्द्र में दो सदन राज्य सभा व लोकसभा
प्रान्त में दो सदन विधान सभा व विधान परिषद

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947

1 यह अधिनियम माउन्टबेटन योजना के आधार पर आधारित था।
2 भारतीय स्वतन्त्रता सम्बन्धित विधेयक 04 जुलाई को ब्रिटिश संसद में रखा गया और 18 जुलाई को महारानी के अनुमति के बाद अधिनियम बना, जिसके द्वारा भारत को आजाद कर दिया गया।
3 अब भारत का विभाजन, भारत एवं पाकिस्तान नामक दो अधिराज्यो में कर दिया जाएगा।
4 देशी रियासतो को यह अधिकार दिया या तो वे भारत में शामिल हो जाए या पाकिस्तान में शामिल हो जाए या स्वतन्त्र देश के रूप् में अपना अस्तित्व बनाए रखे।
5 जब तक भारत एवं पाकिस्तान का अपना संविधान बनकर तैयार न हो जाए, तब तक दोनो देशों की शासन व्यवस्थाएँ भारत सरकार अधिनियम 1935 के द्वारा की जायेगी।
6 अवशिष्ट विषय का तात्पर्य उन बातो की सूची से है जो राज्य सूची और अन्य सूची बनावे समय छुट गयी थी। 
7 आजादी के समय 566 देशी रियासते थी।

8 हैदराबाद की सैन्य कार्यवाही द्वारा विलय किया और जूनागढ़ की जनमत द्वारा।


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